∆ रावल राजपूत इतिहास ∆ कौन है क्षत्रिय? विश्व के सभी महाद्वीपो में से एक, "एशिया महाद्वीप" जिसमे स्थित है हमारा देश भारत,जिसे प्राचीन काल मे आर्यावर्त,जम्बूद्वीप व अलग-अलग नामो से जाना जाता था। भारत देश में वैदिक काल से समाज के चार वर्णों का उल्लेख मिलता है जो इस प्रकार है:- ब्राह्मण,क्षत्रिय,वैश्य,क्षुद्र। समय के साथ-साथ जो चार वर्ण थे उनसे ही जातियां बनी और उन जातियों में आगे जाकर कई सारी उपजातियां बनी। उन जातियों में से कुछ जातियो ने प्रारम्भ से धर्म व समाज की रक्षा हेतु अपने हाथों में अस्त्र-शस्त्र धारण कर लिये वे क्षत्रिय(योद्धा) कहलाये। क्षत्रियो ने इस भारत देश पर कई वर्षों तक धर्मपूर्वक शासन किया। अलग-अलग स्थान,उपाधियों,मूल पुरुषों आदि के नामो से ही क्षत्रियो की अलग अलग शाखाएं बनी। रावल जाती अथवा पदवी? पदवी से उपनाम तक "रावल" शब्द की उत्पत्ति "राजवल्लभ" शब्द से हुई है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है "राजा का प्रिय" अथवा "राजा का निकटस्थ व्यक्ति"। धीरे धीरे राजस्थान और उसके आस पास के क्षेत्रों में राजवल्लभ शब्द का अपभ्रंश होता गया ...